मैं हूँ तो सही…

ज़िन्दगी ने बहुत कुछ दिया है..क्या मैं ज़िन्दगी को कुछ दे पाऊँगी..अक्सर ये खयाल मेरे मन मे आते है… फिर अचानक से दिल कहता है,तु पागल है क्या “ज्योति”क्या दिया है..तुझे ज़िन्दगी ने कुछ भी तो नही।मैं भी फिर यही सोचते हुए गहरी सोच मे डूब जाती हूँ अक्सर..सही तो है,क्या मिला है मुझे..लोगों के ताने,तरह-तरह की बातें ही तो सुनते हुए..बड़ी हुई हूँ।क्या यही सब ज़िन्दगी ने मेरे लिए रखा है..क्या मैं कभी भी खुल के वो सभी कुछ कह पाऊँगी,जो अक्सर लोग मेरे पीठ पीछे कहते है..मुझे लेकर!!

       खैर,ये तो बाद की बातें है..फिर भी खुश हूँ ज़िन्दगी मे..ये सोच कर की कभी तो सबकुछ सही होगा..कभी तो लोग मुझे समझेंगे..मेरी भावनाओ को अपने दिल के करीब पाएंगे..लाख बातें सुनूंगी लेकिन फिर भी अपनी अस्तित्व को बचा के रखूंगी,अपने भविष्य के लिए!!!

                कितने भी लोग आये बातें सुनाये..मैं तो फिर भी हमेशा रहूंगी..आपकी बातों का जवाब बन कर जरूर सामने आऊँगी..ज़िन्दगी मैं तुम्हे तुम्हारा फीडबैक जरूर दूँगी…

                            
                                         2k16©👉ज्योति❤

30 thoughts on “मैं हूँ तो सही…

  1. Ek request and advice to avoid u from the problem of rights in social media, either you post your own pics otherwise don’t forget to publish the source of the photo taken from a . And you can always edit the photos by edit option firse load ya upload kar sakti hain . Don’t mind just advising to avoid any sue on the rights issues ..

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    1. Hello jyotsana di..Mai aapko di bol sakti hun?? Mai sach me is incident ko bhul gayi thi..aur us waqt mujhe wordpress utne acche se handle krna aata nahi tha so…I am so sorry!! Aaj aapki wajah se maine wo galti sudhar li…aur thank you so much..

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      1. कोई बात नहीं आप बिलकुल दी कह सकती हैं ।मुझे तो जो दी ही कहते हैं यहाँ सभी बच्चे , बुरा मत मना में कह जाती हूँ जो मुझे अखरे अगर कोई ग़लत ना हो तो 🙂

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      2. I am very good at criticism , my love says i am always ready to take out the minus points forgetting the plus .. i am always at a marginal cost when come for criticism or sarchasm 🙂

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  2. अक्सर यह सवाल सभी के मन में आता है की क्या दिया ज़िंदगी ने हमें ? एक पल के लिए सबकुछ और दूसरे पल के लिए कुछ भी नहीं , परंतु कहना और जिना अलग बात .. यहाँ भी जीना , भोगना और काटना और अलग .. किसी की इतनी आसक्ति कि बाक़ी सब व्यर्थ सा लगता है .. परंतु फिर एक बार लौट कर सोचें की क्या पाया तो जो पाया है उसे भी खोने के दर से हम उस पाए हुए को नहीं जी पाते । ज्ञान सा प्रतीत हो रहा होगा , परंतु यही सत्य है कुछ दिनो पहले मेरे इस सवाल का जवाब मेरे गुरुदेव ने यह दिया की शाश्वत कुछ भी नहीं परंतु सरल बनाया जा सकता है ।

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    1. Sanjana dear..aap kyun daalti ho fir apni pic jab itna prb hai to..social media aisi gagah hai jahan failehi heen kuch v daaloge to..remove nhi ho raha baby..bahut try kiya..actually ek baar publish kar dia to ab nhi hoga..

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