#love #purelove #animal #happiness
…बदलते परिवेश में लोगों का नजरिया तो बदला हीं हैं ;साथ-साथ शौक में भी बहुत बदलाव देखने को मिल रहा हैं इनदिनों! मैं आज बात कर रहीं हूँ अपने आसपास के हीं माहौल का जो आज आम हो गया हैं हमारे समाज में! सभी के घरों में आजकल पालतू जानवर का होना उतना हीं जरुरी सा लगने लगा हैं जितना की लोगों के हाथों में स्मार्ट फोन का होना…परिवार में रह रहें बच्चो का ख्याल उतना नहीं रखा जाता जितना की इन बेजुबानो का रखा जाता हैं और ये सही भी हैं; ऐसा किया भी जाना चाहिए! लेकिन,क्या हम सच में उन बेजुबानों से इतना प्यार करतें हैं जितना हम दिखा रहें हैं लोगों को?? जब ये सवाल उठ रहें हैं आपके समक्ष तो जवाब भी आपको हीं देना होगा…आप अपने दिल से पूछ के देखिये क्या सच में आप इन बेजुबानों को चाहते हैं मतलब की निस्वार्थ प्रेम लुटाते हैं इनपर?? मेरे ख्याल से आप सब के जवाब अभी हाँ में हीं होंगें!! चलिये ये तो बहुत बढ़िया हैं कि आप अपने पालतू जानवरों को भी उतना हीं प्यार देते हैं जितना अपने परिजनों को!! लेकिन..जरा ठहरिये मुझें आपसे कुछ कहना हैं;बस इतना हीं की मैं नहीं मानती की आप इन बेजुबानों से कभी भी सच्चा प्यार कर सकते हैं या करते हैं…अब आपकों मेरी ये बात बुरी लग रही होगी और आप सोच रहें होंगे क्या बेफालतू की बकवास कर रही हैं ये लड़की…अब ये बतलायेंगी की हम उनसे कितना प्यार करते हैं! हाँ और आपकी बातें सही भी हैं मैं कैसे ये निर्णय ले सकती हूँ भला! लेकिन मैं गलत भी नहीं हूँ…मैं भी वही बोल रही हूँ जो मैं अपने आसपास को देखकर सीखती हूँ! आप सभी उन बेजुबानो को प्यार नहीं करते आप प्यार करते हैं तो बस अपने पैसों से !आपको मेरी बातें बुरी लग रही होंगी लेकिन यही सच हैं!मैं क्या बोलूँ आप सब को बस इतना हीं बोलूंगी आप सब अपने पालतू जानवर पर प्यार बस इसलिए लुटाते हैं क्योंकि आप उन्हें अपने पैसे खर्च कर के लाये है,इसलिए उनका ख्याल भी रखते हैं उनको अपनी गोद में उठा कर उन्हें प्यार भी करते हैं…लेकिन,यही प्यार आपका तब कहाँ चला जाता हैं जब ये बेजुबान आपको अपने घर के आसपास दिखाई देते हैं, सड़कों पर भूखे-प्यासे,बीमार,कमजोर घूमते फिरते हैं तब तो आप इनको देख कर मुँह-नाक सिकोड़ते हुए और उन्हें दुत्कारते हुए आगे बढ़ जाते हैं…तब आपका वही प्यार क्यों नहीं उमड़ता जो अपने पालतू को देखते हीं निकल के आता हैं…क्या हुआ?? अब अपने पैसे वाला प्यार से आपको रूबरू हो कर कैसा लग रहा?? बताइयेगा जरूर मुझे!!
प्यार…बस निश्छल प्यार के भूखें होते हैं ये बेजुबान!उन्हें प्यार देने से पहले हमें ये नहीं सोचना चाहिए की ये मेरा नहीं हैं, “वो तो किसी का नहीं हैं,लेकिन आपका प्यार उसे आपका हीं बस बना देगा!! उन्हें आपसे महँगी चीज़ें नहीं चाहिए होती हैं उन्हें चाहिए होता हैं तो बस आपका अनमोल प्यार जो आप उनको जितना देंगें उससे कहीं ज्यादा आप उनसे पा लेंगे!! इसलिए अपना प्यार उन बेसहारों पर भी लुटाइये…यकीं मानिये बहुत अच्छा लगेगा जब आप उनके साथ अच्छा व्यवहार करेंगें और बदले में वो आपको उतना हीं प्यार देंगे….आपका प्यार कभी कम नहीं होगा बल्कि और बढ़ेगा ही बाँटने से तो फिर दिल खोलकर उनपे भी प्यार लुटाइये जितना आप अपने घर पर रह रहें बेजुबान पर लुटाते हैं!!
P.C-Google
2k17©आपकी….Jयोति🙏
आध्यात्मिक हमेशा मनुष्यों में और प्यार पालतू जानवर को समझने के लिए मौजूद है, आप इसे करने के लिए यह महसूस किया है। मैं अपने ब्लॉग का पालन करें क्योंकि आप जादू आप पढ़ लिया है, दैनिक करने के लिए कुछ जवाब खोजने के लिए और जीवन के सभी बातें गठबंधन क्योंकि आप संप्रेषित करने के लिए इतना सुंदरता लग रहा है।
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😄😍😍 Thank you so much❤
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Bahut khoooooooooooob
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Thank you Jyotsana!
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My pleasure 😇
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Stay Blessed😘
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U tooo
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आपने जो कुछ भी लिखा है बहुत सच लिखा है। समाज को आईना दिखाने के लिए आप जैसे संसकारी पीढ़ी की जरूरत है। ऐसे ही समाज बदलेगा लेखक और कवि की लेखनी में बहुत पावर होता है।
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आभार रजनी मैम आपने अपना कीमती समय निकाल कर इसे पढ़ा और अपना बहुमूल्य मत भी दिया…धन्यवाद!💐
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सही बात है आपकी
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जी अजय जी…शुक्रिया!
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अभी तो क्या क्या ईल्जाम है हम पर..सजायें सोचते हैं तो डर जाते है..बेहतर होते तो ऐसे न होते और अफ़सोस बदतर को गढ़ बेहतर बनाने का हुनर भी नहीं आता..😊😊😊
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thanku..आप की वजह से काफी कुछ सोचने को मिला..कोशिश करूँगा खुद को बेहतर करने की…😑😑
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आप बेहतर को और कितना बेहतर बनायेंगे☺
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मैं नॉन वेजिटेरियन हूँ.. मैं पेट लवर हूँ कि नहीं? मजे की बात मेरा पेट भी.. मुझे तभी दु:ख क्यो होता जब हाथियो के दाँत और शेरो के खाल निकाल लिए जाते हैं? यहाँ तो हर गली में खाल उधेड़े जा रहे और मुझे कुछ नहीं होता..उन्हे देख दुख क्यो नहीं होता..मुझे आदत पड़ गई देखने की या जो मेरे खाने लायक उसे मारना सही है..और जो खाने लायक नहीं है उसे मारना गलत?
जिन्हे विदेशो में कुत्तो के हालात पर फक्र होता है उन्हे उनके डिनर की थाली देखना चाहिए और मेरा भी..खाने पीने में दखल नहीं दे रहा लेकिन जो मै नहीं हूँ उसका ढोल क्यो पिटना हैं..ऐसे तो शेर भी ब्रश करने के बाद कहेगा इंसानो से सबसे ज्यादा प्यार वही करता हैं..
ऐसा लगता है जैसे जानवर ही था थोड़ा तरक्की कर लिया..नाम इंसान रख लिया..ऐसा है तो जानवर बेहतर था क्योकि तब खाना मजबुरी होती शौक नहीं..
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जी आशीष बिल्कुल सही कह रहें आप..😑😑 आपके विचार से सहमत हूँ मैं!!
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Beautiful.♥♥I too love pets .
If i say in your words..I love spiritual teachers.
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😊
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Bhut hi mtlb wali baat ki h !
Aj ki society m pets ko car m sath leke ghuma jata hai AUR apne hi chote gareeb Bhai k sath baithne m sharm mahsoos hoti h
Bss jmana pure thrill m chl rha h
Bhut Acha likha apne 🙏🙏🙏
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अरे! उन्हें गरीब के साथ बैठने में शर्म तो आती हीं हैं,साथ हीं साथ वो अपने घर में रह रहें बुजुर्ग का भी ख्याल न रख के फालतू के चोंचलेबाजी में लगे रहते हैं…उन पालतू का ख्याल रखना अच्छी बात हैं लेकिन दिखावे के लिए ये सब होता हैं… ये बात अच्छी नहीं लगती बस!
वैसे थैंक यू पढ़ने के लिए…😊
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Haan
“Maa baap ki Seva krni chahiye ”
Line khne sunne m bhut achi lgti h
Krne m bhut km log tik pate hai
I experienced
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बिल्कुल… सेवा तो छोड़ो आज तो उनके साथ समय बिताने का भी वक़्त नहीं हैं लोगों के पास!😑
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Exactly
Yeah sb modern society k symbols h
Sb apni class bna lete h
Privacy itni Jada ho gyi h k maa Baap bina puche bete k room m enter Ni kr skte
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हाँ यार! ये सब देख कर बहुत अजीब सा लगता हैं अब….वक़्त ने ऐसा करवट लिया हैं कि जिन्होंने उन्हें बड़ा किया हैं उनसे हीं ये दूरियों की चाह रखने लगें…
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Haan mgr hmare ganv Abhi safe h
Bhut kuch Baki h yha
Rishte naate SB kuch
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हम्म्म्म…गांव का शहर का तो पता नहीं लेकिन मुझे अपना और अपने घर का पता हैं… यहाँ आज भी बड़ो का उतना हीं सम्मान किया जाता हैं…रिश्तों की अहमियत बहुत अच्छे से हमें समझ आती हैं हालाँकि ऐसा नहीं है कि हम इतने अच्छे हैं लेकिन हाँ ये घर वालों के संस्कार और इन्होंने जो माहौल हमें दिया है..उनसे हीं हमनें सीखा हैं इंसानियत का फ़र्ज़ निभाना!!
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Bhut Acha lga jankar aur apke sanskar dikhte h apki writing m !
Sari chijon ka impact pdta h writing par , m akela khud k parivar ko Kya bilunc Pura mohalla parivar jesa lgta h sare log ek dusre ki Puri help krte h yhi sb bachpan Se dekha h aur ab m v unke jese hi follow krta hu !
Hmare yha aj bhi bujurgon ki daat khate h log khushi khushi AUr decision Sirf unke hote h , hm Sirf follow krte h
Aisa ni h dictatorship ho vo utna hi khyal bhi rkhte h
Bss Abhi lgta h Bharat Kahi jinda h mere ganv m
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जी आपके गाँव के लोगों को मेरा साधुवाद…ऐसे हीं खुशियों का बसेरा रहें वहां…और आप भी सदा खुश रहें!!😊
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Bhut bhut dhanyavaad mam
Ap bhi hmesha khush rho aur ache ache blog likhta rho 🙏🙏🙏apko mera pranam
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